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गरीब साहित्यकारों की गरीब सोच

हे प्रतिभाशाली साहित्यकारों

विचार विचार विचार विचार

मानो कोई साहित्यकार अपने विचारों को बेचने का प्रयास कर रहा है, जिसको ना तो खरीदार मिल रहे हैं ना पाठक ना प्रशंसक।
फिर भी वह अपनी दुकान लगाए बैठा है और प्रतिदिन श्रेष्ठ से श्रेष्ठतम अपना लेखन प्रस्तुत कर रहा है नवीन साहित्यकारों के लिए तो यह नवीन अनुभव है पर जीन अनुभवी साहित्यकारों के कलम की नोक चप्पल की तरह घिस घिसकर खत्म हो चुकी है वह अब अपना साहित्य लिखने के बजाय दिखाने लगे।
और आश्चर्य की बात यह है कि उनके साहित्य को देखने वाला भी कोई मौजूद नहीं है वह स्वयं ही अपना प्रचार प्रसार करके लोगों तक पहुंचने का प्रयास कर रहा है उन्हें अपने शब्दों की गहराई का स्वाद चखाना चाहता है पर किसी में इतनी गहराई नहीं बची है वास्तव में अमृत चखने का शौक है कि नहीं किसी को सभी पिज्जा बर्गर पानीपुरी के दीवाने लगते हैं 😄

इन लोगों के पास कुछ सीखने के लिए समय ही नहीं बचा क्योंकि सभी को ब्रह्म ज्ञान प्राप्त हो चुका है इन भ्रम ज्ञानियों को शार्ट वीडियो कॉमेडी वीडियो गंदी गालियों से सजी वेब सीरीज सुंदर लड़कियों के फोटो को ही देखने और लाइक कमेंट करने में रुचि है फिर भले ही वह फेक आईडी चलाने वाला अजीब प्रकार का जीव हो इससे किसी को कोई लेना देना नहीं है क्योंकि व्यर्थ की बातें व्यर्थ का जीवन सब कुछ व्यर्थ ही पहली पसंद बन चुका है।

अब मैं सोच रहा हूं शार्ट वीडियो बनाना शुरू कर दू शार्ट वीडियो के खिलाफ

अब मैं सोच रहा हूं कॉमेडी वीडियो बनाना शुरू कर दू कॉमेडीओ के खिलाफ

अब मैं अर्थ की बातें करना शुरू कर दू व्यर्थियो के खिलाफ

अब मैं नए विज्ञान की खोज शुरू कर दूं इस पुराने विज्ञान के खिलाफ

अब मैं अपनी खोज शुरू कर दू अपने मन के खिलाफ

अब मैं तुम्हें गलत समझना बंद कर दू अपने सच के खिलाफ

अब मैं तुम्हें समझदार समझ लेना बंद कर दू अपनी समझ के खिलाफ

चलो अब कुछ नया करते हैं 🤭

#chetanshrikrishna

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7 Comments

सही है एकदम perfect लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब लाजवाब

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Shnaya

15-Jul-2022 08:33 PM

बहुत खूब

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Seema Priyadarshini sahay

11-Jul-2022 04:38 PM

बहुत ही सटीक रचना

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